नए Criminal Law की समीक्षा: नए धाराओं का मतलब क्या है? कानूनी संशोधनों का विश्लेषण: 420 से 316 और 302 से 103 में परिवर्तन के प्रभाव

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Criminal Law

सोमवार से देश भर में तीन नए Criminal Law, भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो गए हैं। इन कानूनों ने भारतीय साक्ष्य अधिनियम, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और भारतीय दंड संहिता को बदल दिया है। नए कानूनों के प्रवेश से धाराएं और कई प्रावधानों की परिभाषाएं बदल गई हैं।

New Criminal Law

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1 जुलाई से भारतीय दंड कानून लागू हो गया है. अब आईपीसी को भारतीय न्याय सहिंता, सीआरपीसी को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और इंडियन एविडेंस एक्ट को भारतीय साक्ष्य अधिनियम कहा जाता है।

New Criminal Laws in India

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में कुल 531 धाराएं हैं. यह नया क्रिमिनल लॉ लागू होने से पहले सीआरपीसी में 484 धाराए थी. इसमें 9 नई धाराओं के साथ 39 नई उपधाराए भी जोड़ दी गए है.

अपराधIPC (पहले)BNS (अब)
हत्या302103
हत्या की कोशिश307109
गैर इरादतन हत्या304105
लापरवाही से मौत304A106
रेप और गैंगरेप375, 37663, 64, 70
देश के खिलाफ युद्ध121, 121A147, 148
मानहानि499, 500356
छेड़छाड़35474
दहेज हत्या304B80
दहेज प्रताड़ना498A85
चोरी379303
लूट392309
डकैती395310
देशद्रोह124152
धोखाधड़ी या ठगी420318
गैर कानूनी सभा144187

यही कारण है कि रेप की धारा 376 से अब 64 हो गई है। धारा 74 में छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज किया जाएगा। अब धोखाधड़ी का केस धारा 318 के तहत होगा, न कि 420। लापरवाही से मौत का मामला पहले 304ए में था, अब धारा 106 में आ जाएगा। धारा 61 धारा 120बी की जगह अपराध के लिए लागू होगी। मानहानि के संबंध में धारा 499, 500 अब 356 के स्थान पर लागू होगा। धारा 309 और 310 चोरी और चोरी के बारे में होंगे।

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