हाल ही में आई Hindenburg Report ने भारतीय बाजारों में हलचल मचा दी है। SEBI के चेयरपर्सन और उनके पति के खिलाफ लगाए गए आरोपों के बाद से बाजार में जबरदस्त सवाल उठ खड़े हुए हैं। सभी यही जानने को उत्सुक हैं कि इस रिपोर्ट का बाजार पर क्या असर पड़ेगा। कोहराम मचने की संभावनाएँ हैं या यह रिपोर्ट एक और असफल प्रयास साबित होगी? इस पर चर्चा करने के लिए हम जुड़े हैं सीएनबीसी-आवाज़ के साथ।
Hindenburg Report एक साजिश का हिस्सा
MK वेंचर्स के फाउंडर मधु केला का मानना है कि, हिंडनबर्ग के द्वारा किए गए खुलासे दरअसल एक conspiracy का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि ये आरोप कोई खुलासा नहीं, बल्कि भारतीय बाजार को अस्थिर करने की कोशिशें प्रतीत होते हैं। मधु का कहना है हिंडनबर्ग की रिपोर्ट भारत के खिलाफ एक सुनियोजित attack है। इसके द्वारा लगाए गए सभी आरोप पूरी तरह से baseless दिखाई देते हैं।
यदि कोई भारतीय नागरिक किसी विशेष फंड में निवेश करता है और यदि उसी फंड में किसी अन्य कॉर्पोरेट समूह के व्यक्ति ने भी निवेश किया है, तो इसमे गलत क्या है? इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि हमें understand करना चाहिए कि भारत के रेग्यूलेटरों की साख को गिराने की कोशिश की जा रही है।
भारत के रेगुलेटर्स की पहचानी को नुकसान
मधु केला ने यह भी कहा कि इस रिपोर्ट में भारत के रेगुलेटर्स की छवि को malign करने की कोशिश की गई है। हालिया घटनाओं में हमारे रेग्युलेटरों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी क्षमता सिद्ध की है। वर्तमान SEBI रेग्युलेटर का योगदान भारतीय कैपिटल मार्केट के विकास में महत्वपूर्ण रहा है। उनके द्वारा की गई कई सुधारात्मक कार्रवाईयों के चलते रिटेल निवेशकों की सुरक्षा में उल्लेखनीय improvements देखने को मिले हैं।
मधु ने अभिभावक के तौर पर एक भारतीय की भूमिका को भी याद दिलाया। उसने कहा कि हम सभी को इस साजिश का डटकर मुकाबला करना चाहिए। भारतीय बाजार और देश की अस्थिरता के खिलाफ एकजुट होकर खड़े होना बेहद आवश्यक है। उन्होंने सुझाव दिया कि जब बाजार की प्रतिक्रिया की बात आती है, तो अदाणी समूह के शेयरों में अब कोई खास शोक नहीं आएगा।
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बाजार पर मधु की राय
बाजार की मजबूती को लेकर मधु ने कहा कि वे भी इस पर थोड़ा surprised हैं। बाजार ने चुनाव के परिणाम और बजट के tax बढ़ोतरी को जिस प्रकार सहेजा है, वह निश्चित रूप से आश्चर्यजनक है। उन्होंने भारतीय बाजारों की मजबूत स्थिति को अद्भुत बताया और कहा कि यहां भविष्य में भी मजबूती बनी रहेगी।
हालाँकि, उन्होंने चेतावनी दी कि पिछले 3 सालों की तुलना में हमें थोड़ा कम returns मिल सकते हैं। इसके पीछे का कारण यह है कि कई pockets बाजार में काफी महंगे हो गए हैं और वैल्यूएशन भी अच्छे नहीं हैं। इसलिए, निवेशकों को think–carefully निर्णय लेने की आवश्यकता है।
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निवेश के लिए उपयुक्त सेक्टर
मधु केला ने सलाह दी की वे फार्मा, चयनित आईटी, एफएमसीजी और मैन्युफैक्चरिंग शेयरों को प्राथमिकता देने की सिफारिश करते हैं। उनका मानना है कि फार्मा सेक्टर अभी भी निवेश के लिए एक उपयुक्त जगह है।
यह स्पष्ट है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने भारतीय बाजारों में एक नया मोड़ लाकर खड़ा कर दिया है। लेकिन मधु केला जैसे विशेषज्ञों का मानना है कि इससे निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है। उन्हें सही दृष्टिकोण और सोच-समझकर निवेश करना चाहिए।
यह अपने आप में एक समय की मांग है। सभी भारतीय नागरिक एकजुट होकर इस साजिश का विरोध करें और अपने बाजार को protect करें। एक मजबूत और एकजुट भारत के निर्माण की दिशा में हम सभी को कदम बढ़ाना होगा।
Sumber : Jalalive